Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -31-Jul-2023 प्रियतम की याद

शीर्षक-प्रियतम की याद
चौखट पर जब मैं खड़ी, देखो बौछारें पड़ी,
विरह हृदय की बढ़ती, करती हूॅं इंतजार।
ये राहें में ताकती, उर में आशा बाॅंधती,
आओगे तुम सजना, कहे दिल बार- बार।
राते लगती चाॅंदनी, आई है अब शुभयामिनी,
मिलकर जब बतियागे,सजे प्रेम की रात।
तेरे दिल की कामिनी, चमके तन में दामिनी,
आग हृदय में बढ़ती, उठे प्रेम की वात।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा प्रिया

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6 Comments

Babita patel

01-Aug-2023 06:51 PM

Beautiful poem

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बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Milind salve

01-Aug-2023 07:41 AM

V nice

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